10 जनवरी दिन शुक्रवार पौष पूर्णिमा को वर्ष 2020 का पहला चंद्रग्रहण दृष्टिगोचर होगा ।यह चंद्र ग्रहण रात्रि 10:37 से 2:42 तक रहेगा ।साल 2020 में कुल 6 ग्रहण लगने वाले हैं इनमे दो सूर्य और चार चंद्र ,वर्ष 2020 साल का प्रथम चंद्र ग्रहण 10 जनवरी को भारत में भी दृष्टिगोचर होगा। महामृत्युंजय सेवा मिशन अध्यक्ष संजीव शंकर का कहना है कि इस चंद्रग्रहण में चंद्रमा छोटा बड़ा नहीं दिखाई देगा बल्कि धूल के कणों जैसा धूंधला- सा दिखाई देगा ,इस ग्रहण का बहुत अधिक प्रभाव तो नहीं है, सूतक काल भी अधिक प्रभावी नहीं रहेगा, किसलिए चंद्रमा को सामान्य रूप से पूर्णिमा की रात्रि को देखा जा सकता है। संजीव शंकर ने बताया कि समुद्र मंथन की कथा में ऐसा वर्णन आता है कि जब भगवान विष्णु अमृत कलश लेकर देवताओं को अमृत पान करा रहे थे तो सूर्य चंद्रमा ने ही राहु और केतु के विषय में जानकारी दी कि ये दोनों देवताओं की पंक्ति में बैठे हैं ।कहते हैं तभी से सभी ग्रहों में केवल सूर्य और चंद्रमा को ही ग्रहण लगता है ,इस कथा से यह भी प्रेरणा दी जाती है कि हमें किसी के भी कल्याण होने में बाधक नहीं होना चाहिए।कहते हैं ग्रहण के समय किया गया पाठ- दान इत्यादि अपार फल देने वाला है। किसी पर भी मुसीबत हमें उसका साथ देना चाहिए तभी वह अपनी अच्छी स्थिति में आने पर हमारा भी लाभ करता है ।इसके अलावा कुंडली तैयारी में चंद्र दोष जैसी कोई बाधा आ रही हो तो चंद्रग्रहण के समय चंद्रमा के निमित्त मंत्र का पाठ करना चाहिए। वही सफेद वस्तुओं का दान करके अपनी बाधाओं को दूर कर उन्नति का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए ।इसके अलावा भगवान शिव और चंद्रमा का विशेष महत्व है आतः शिव मंत्र ,महामृत्युंजय मंत्र ,ओम नमः शिवाय मंत्र इत्यादि का जप भी इस समय कल्याण कारक है।
चंद्रग्रहण 10 जनवरी को रात्रि में होगा