पक्के हुए फल की तीन पहचान होती है..... महात्मा बुद्ध

*🌺🍃 महात्मा बुद्ध ने कहा था...🍃🌺*


       *” पक्के हुए फल की तीन पहचान होती है…!*
*एक तो वह नर्म हो जाता है...!*
*दूसरा वह मीठा हो जाता है...!*
*तीसरे उसका रंग बदल जाता है…!*


     *”इसी तरह से परिपक्व व्यक्ति की भी तीन पहचान होती है…!*
 *पहली उसमें विनम्रता होती है…!*
*दूसरा उसकी वाणी मे मिठास (मृदु भाषी) होता है...!* 
*और तीसरा उसके चेहरे पर आत्मविश्वास का रंग होता है….. !*


*उम्र की लम्बाई नहीं गहराई मायने रखती हैं!*


*पेड़ को पत्थर मारने पर भी वह फ़ल देना नहीं छोड़ता, नदियां सभी को पानी पिलाती हैं, पर सूखी कभी भी नहीं रहती!*


*किसी भी जीव की प्राण एवं प्रवृति एक साथ ही छूटती हैं!*


*ज्ञानी को समझाया जा सकता हैं!*
*अज्ञानी को भी समझाया जा सकता हैं!*
*अभिमानी को वक्त आने पर स्वयं ही समझ आती हैं!*


*धीरे- धीरे रे मना, धीरे सबकुछ होय!*
*माली सीचे सौ घड़ा ऋतु आय फ़ल होय!!*



     😊🌹🌹🌹🌹🌹☺
*🙏🙏 जय जय श्री राम🙏🙏*